ताइवान की संसद ने 17 मई 2019 को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले बिल को मंज़ूरी दे दी है. ताइवान ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश बन गया है. विश्वभर के लाखों समलैंगिकों में ताइवान की संसद के फैसले से खुशी की माहौल है.
ताइवान की संसद में समलैंगिक विवाह को लेकर यह वोटिंग यहां की संवैधानिक कोर्ट के उस आदेश के दो साल बाद हुई है, जिसमें अदालत ने विवाह से संबंधित मौजूदा कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. यह कानून एक महिला और पुरुष के बीच शादी को ही वैधानिक मानता था.
ताइवान की शीर्ष अदालत:
ताइवान की शीर्ष अदालत ने कहा था कि एक ही लिंग के जोड़ों को शादी करने की अनुमति नहीं देना संविधान का उल्लंघन होगा. इस मामले में 14 वरिष्ठ न्यायाधीशों का एक पैनल बनाया गया था जिन्होंने इस पर चर्चा की कि ताइवान का मौजूदा कानून संवैधानिक है या नहीं. अधिकांश रूढ़िवादी सांसदों ने ‘नागरिक संघ’ कानून के पक्ष में सबसे प्रगति करनेवाला विधेयक को रोकने की कोशिश की.
समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला कानून 24 मई से प्रभावी:
ताइवान के जजों ने अपने इस आदेश के तहत संसद को इस संबंध में नया कानून बनाने या मौजूदा कानून में ही संशोधन हेतु दो साल का समय दिया था. समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला यह कानून 24 मई 2019 से प्रभावी होगा.
वे अब सरकारी एजेंसियों में शादी का पंजीकरण करवा सकेंगे. यह फैसला देश के समलैंगिक समुदाय के लोगों की जीत है, जो वर्षों से समान वैवाहिक अधिकारों हेतु मुहिम चला रहे थे.
समलैंगिक विवाह
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समलैंगिक विवाह कानूनी तौर पर तथा सामाजिक रूप से मान्यता प्राप्त एक ही लिंग के लोगो के विवाह को कहते हैं. समलैंगिक विवाहों को वैध बनाने वाला पहला देश नीदरलैंड था. नीदरलैंड को साल 2001 में कानूनी मान्यता प्राप्त हुई. समलैंगिक विवाह नीदरलैंड के अलावा बेल्जियम, स्पेन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका,नार्वे और अमेरिका ऑस्ट्रेलिया में मान्य है.
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विधेयक का विरोध:
अधिकांश रूढ़िवादी सोच वाले सांसदों ने इस विधेयक का विरोध किया था और उन्होंने इस बिल से निजात पाने के लिए मुहिम चलाई थी. इसके साथ ही समलैंगिक विवाह यूनियन को खत्म करने हेतु बिल भी पेश किया था. इसके पक्ष में 66 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में केवल 27 वोट पड़े. ताइपे की संसद के पास भारी बारिश के बीच हजारों की संख्या में एलजीबीटी समुदाय के लोग जमा हुए थे.
ताइवान में बड़ी संख्या में समलैंगिक समुदाय:
इस मुद्दे को लेकर देश में काफी बहस हुई थी और यह दो भागों में बंट गया था. ताइवान में बड़ी संख्या में समलैंगिक समुदाय के लोग रहते हैं. यहां होने वाली सालाना ‘गे प्राइड परेड’ एशिया में सबसे बड़ी होती है फिर भी उन्हें विवाह का समान हक देने के मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई थी.
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