लेफ्टिनेंट जनरल शैलेश तिनेकर दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन का कमांडर नियुक्त

भारतीय सेना के इन्फैंट्री स्कूल के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल शैलेश तिनेकर को हाल ही में दक्षिण सूडान (यूएनएमआईएसएस) में संयुक्त राष्ट्र मिशन का कमांडर नियुक्त किया गया. यह दूसरा सबसे बड़ा शांति अभियान है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 24 मई 2019 को घोषणा करते हुए कहा कि शैलेश तिनेकर रवांडा के लेफ्टिनेंट जनरल फ्रैंक कामांजी के कार्यकाल को आगे बढ़ाएंगे. लेफ्टिनेंट जनरल फ्रैंक कामांजी का कार्यकाल 26 मई 2019 को पूरा हो रहा है.  
16,000 शंतिरक्षक सैनिकों की कमान:
लेफ्टिनेंट जनरल शैलेश तिनेकर संयुक्त राष्ट्र मिशन के करीब 16,000 शंतिरक्षक सैनिकों की कमान संभालेंगे जिनमें से करीब 2,400 सैनिक भारतीय है.
यूएनएमआईएसएस (दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन) के बारे में:
यह मिशन साल 2011 में बनाया गया था जब दक्षिण सूडान ने सूडान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी. मिशन में काम करते हुए करीब 67 शांति सैनिकों की मौत हो चुकी है. यह एक दृढ़ संकल्प के साथ बनाया गया था ताकि दक्षिण सूडान में संघर्ष कर रहे लोगों को बचाया जा सके.
यूएनएमआईएसएस का मुख्य उद्देश्य शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ दक्षिण सूडान गणराज्य के विकास के लिए शर्तों की स्थापना में मदद करना है. ये दक्षिण सूडान की सरकार की क्षमता को मजबूत करने और प्रभावी ढंग से और लोकतांत्रिक ढंग से नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है ताकि ये अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में सफल हो सके.
लेफ्टिनेंट जनरल शैलेश तिनेकर के बारे में:
   दक्षिण सूडान की आजादी से पहले सूडान में शांति मिशन में काम करने के समय से ही तिनेकर को इस क्षेत्र का पिछला अनुभव है.
   उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अंगोला सत्यापन मिशन 3 में भी काम किया है.
   शैलेश तिनेकर को उनकी प्रतिष्ठित सेवाओं हेतु सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है.
   भारतीय सैन्य अकादमी के 1983 के स्नातक शैलेश तिनेकर महू में इन्फैंट्री स्कूल का कार्यभार संभालने से पहले सेना मुख्यालय में अतिरिक्त सैन्य संचालन महानिदेशक रहे.
   उन्होंने एक डिवीजन, एक भर्ती प्रशिक्षण केंद्र और एक ब्रिगेड की भी कमान संभाली है.

दक्षिण सूडान:
दक्षिण सूडान संयुक्त राष्ट्र का 193वां सदस्य देश है. दक्षिण सूडान प्रत्येक तरफ से धरती से घिरा है. इसके पास अपना कोई भी सागर तट नहीं है.
दक्षिण सूडान को 9 जुलाई 2011 को जनमत-संग्रह के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई. दक्षिण सूडान को अपनी आजादी के ठीक बाद से राष्ट्र को आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है.
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Milan Tomic

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