ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने 24 मई 2019 को कंजर्वेटिव पार्टी की नेता पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. उन्होंने ब्रेक्जिट को लेकर अपने प्रदर्शन पर अफसोस जताते हुए यह घोषणा किया है.
वे 07 जून 2019 तक इस पद पर रहेंगी. जब तक नए प्रधानमंत्री का नाम तय नहीं हो जाता तब तक वह पीएम पद पर बनी रहेंगी.
बीते काफी समय से ब्रे क्जिट के मुद्दे पर थेरेसा मे को वहां की संसद में गतिरोध का सामना करना पड़ा था. संसद ने इस मसले पर उनके प्रस्तावों को तीन बार खारिज कर दिया था. इसके अतिरिक्त ब्रेक्जिट के लिए तय 29 मार्च की समय सीमा बीत जाने के बाद उन्होंने इसके लिए कुछ और समय भी मांगा थी. वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर उनके मंत्रिमंडल में भी उनके खिलाफ विरोध के आवाज उठने लगे थे.
इस घटनाक्रम के बीच बीते 22 मई 2019 को ब्रिटेन की वरिष्ठ मंत्री एंड्रिया लीडसम ने कैबिनेट से इस्तीफा भी दे दिया था.
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थेरेसा मे के इस्तीफे की घोषणा से ब्रेक्जिट का मामला और उलझ गया है. अब नए प्रधानमंत्री पर बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह शर्तो पर सबको साथ लेकर संसद में विधेयक पारित कराए या फिर बिना शर्त यूरोपीय यूनियन से अलग होने की घोषणा करे.
ब्रेक्जिट क्या है?
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युनाइटेड किंगडम ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का निर्णय लिया है. बाहर निकलने की यह प्रक्रिया 'ब्रेक्जिट' (Brexit) के नाम से जानी जाने लगी है. इसके पूर्व 23 जून 2016 को जनमत संग्रह में ब्रिटेन के 51.89% लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था. 19 जून 2017 से बहिर्गमन से सम्बन्धित बातचीत आरम्भ हुई.
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थेरेसा मे के बारे में:
• थेरेसा मे का जन्म 1 अक्टूबर 1956 को ब्रिटेन के ससेक्स में हुआ था.
• थेरेसा मे साल 1997 से मेडेनहेड से कंजरवेटिव पार्टी की सांसद हैं.
• वे साल 1977 से साल 1983 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड में भी कार्यरत रहीं.
• वह साल 2002-03 के दौरान कंजरवेटिव पार्टी की चेयरमैन भी रहीं.
• वह साल 2010 में डेविड कैमरन के नेतृत्वप में गठबंधन सरकार के बनने के बाद कैबिनेट में होम सेक्रेट्री रहीं.
• साल 2015 के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद उन्हें फिर से होम सेक्रेट्री चुना गया था.
• ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनने वाली वह दूसरी महिला हैं.
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