शोधकर्ताओं द्वारा हिन्द महासागर में की गई खोज के परिणामस्वरूप पहली बार हिम युग के समय का समुद्री जल खोजा गया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह जल समुद्र के भीतर चट्टानी श्रृंखलाओं की दरारों में मौजूद था जो हज़ारों वर्षों से वहीँ पर मौजूद है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो के शोधकर्ताओं द्वारा एक माह तक चले इस अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया. यह खोज मालदीव में समुद्री तल पर मौजूद चूना पत्थर की चट्टानों के अध्ययन के दौरान हुई है.
मुख्य बिंदु
• शोधकर्ताओं द्वारा एक विशेष शिप, JOIDES Resolution, का प्रयोग किया गया जो कि समुद्री तल तक जाने और समुद्री चट्टानों में ड्रिल करने की सुविधा से लैस है. इसके माध्यम से समुद्र में तीन मील भीतर तक खुदाई की गई.
• इसके बाद वैज्ञानिक मशीनरी द्वारा पानी को बाहर निकाल देते हैं या तलछट से पानी निचोड़ने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस का उपयोग करते हैं.
• इस खोज से पहले तक वैज्ञानिक समुद्री जल के पुनर्निर्माण के लिए अप्रत्यक्ष स्रोतों पर निर्भर थे जैसे – जीवाश्म कोरल तथा समुद्र तल पर अवसाद की मौजूदगी.
• वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने समुद्र के भीतर से लगभग 20,000 साल पुराना पानी खोज निकाला है.
• वैज्ञानिक वास्तव में उन चट्टानों का अध्ययन कर रहे थे जिनसे यह निर्धारित किया जा सके कि क्षेत्र में मानसून चक्र से प्रभावित होकर तलछट कैसे बनती है.
• वैज्ञानिकों का कहना है कि यह समुद्री जल आमतौर पर मिलने वाले समुद्री जल से कहीं अधिक खारा था.
• इसके बाद वैज्ञानिक मशीनरी द्वारा पानी को बाहर निकाल देते हैं या तलछट से पानी निचोड़ने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस का उपयोग करते हैं.
• इस खोज से पहले तक वैज्ञानिक समुद्री जल के पुनर्निर्माण के लिए अप्रत्यक्ष स्रोतों पर निर्भर थे जैसे – जीवाश्म कोरल तथा समुद्र तल पर अवसाद की मौजूदगी.
• वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने समुद्र के भीतर से लगभग 20,000 साल पुराना पानी खोज निकाला है.
• वैज्ञानिक वास्तव में उन चट्टानों का अध्ययन कर रहे थे जिनसे यह निर्धारित किया जा सके कि क्षेत्र में मानसून चक्र से प्रभावित होकर तलछट कैसे बनती है.
• वैज्ञानिकों का कहना है कि यह समुद्री जल आमतौर पर मिलने वाले समुद्री जल से कहीं अधिक खारा था.
कैसे हुई खोज?
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शोधकर्ताओं ने दक्षिण एशिया में मालदीव द्वीपसमूह में पानी के नीचे चूना पत्थर की चट्टानों को ड्रिल किया. वैज्ञानिकों ने प्रत्येक परत को हटाने के बाद, चट्टान को बीच से काट दिया तथा इसके टुकड़ों को एक हाइड्रोलिक प्रेस में डाल दिया जिसमें किसी भी प्रकार की नमी को अवशेष के छिद्रों से बाहर निकाल दिया गया. इस प्रक्रिया में जितना भी जल एकत्रित हुआ उसे ट्यूब में डाल दिया गया. इसका अध्ययन करने पर पता चला कि यह पानी उस समय का है जब समुद्र पहले से अधिक खारे, ठंडे और क्लोरीन की अधिकता से भरे रहते थे. अंततः वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह पानी 20,000 वर्ष पुराना है.
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JOIDES Resolution शिप के बारे में
JOIDES रिजोल्यूशन (JR) एक शोध पोत है जो कोर के नमूनों को इकट्ठा करने और उनका अध्ययन करने के लिए समुद्र तल में ड्रिल करता है. जलवायु परिवर्तन, भूविज्ञान और पृथ्वी के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिक जेआर से डेटा का उपयोग करते हैं. यह इंटरनेशनल ओशियन डिस्कवरी कार्यक्रम का एक हिस्सा है और राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है. इस शिप पर समुद्री तल से 62 मीटर ऊपर तक की उंचाई की ड्रिल मशीन लगी है. इस पर लगी ड्रिल मशीन से समुद्र के भीतर 8,235 मीटर तक की गहराई तक पहुंचा जा सकता है.
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