सेंटिनल द्वीप और विवाद /Sentinel Island and Dispute

मुख्य बिंदु:

दुनिया की सबसे खतरनाक जनजातियों में शुमार सेंटलीज़ आदिवासियों ने कुछ दिन पहले एक अमेरिकी नागरिक की हत्या कर थी जिसके बाद सेंटिनल द्वीप काफी दिनों तक चर्चा में था। सेंटिनल द्वीप पर मारे गए अमेरिकी नागरिक की पहचान जान ऐलन चाऊ के रूप में हुई जो की यहां रह रहे आदिवासियों में ईसाई धर्म का प्रचार करने के मकसद से आया था।
सेंटिनल द्वीप भारत के केंद्र शासित राज्य अंडमान और निकोबार द्वीपसमूहो का एक हिस्सा है जो कि अंडमान और निकोबार के पश्चिम दिशा में स्थित है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हिन्द महासागर के क्षेत्र के अंतर्गत आता है जहां कुल 572 द्वीप हैं। इन द्वीपों में सिर्फ 36 या 37 द्वीप समूहों पर ही जन जीवन संभव है इसके अलावा बाकि के सभी द्वीप खाली पड़े हैं।
इस द्वीप समूह पर कई जनजातियां रहती है जिसमे जारवा, ग्रेट-अंडमानीज, सेन्टिनलीज, शोम्पनी और ब्रो जैसी आदिवासी जनजातियां पाई जाती है।
यहां पाई जाने वाली इन जनजातियों में सबसे ज्यादा हिंसक और खतरनाक सेन्टिनलीज जनजातियां हैं। जो कि इससे पहले भी कई बार इस द्वीप पर जाने की कोशिश करने वाले लोगों पर हमला कर चुकी हैं। ये जनजातियां काफी लम्बे वक़्त से यहां रहती आई हैं जिन्हे अक्रीकी जनजाति के वंशजों से जोड़ कर देखा जाता है।
1967 से 1991 के बीच भारत सरकार ने इन जनजातियों को मुख्यधारा समाज से जोड़ने के कई प्रयास किये लेकिन वो असफल रहे। साल 2004 में आई सुनामी के वक़्त भी सेन्टिनलीज जनजातियों की मदद के लिए सरकार ने हेलीकाप्टर भेजे थे लेकिन आदिवासियों ने इन पर हमला कर दिया।
1997 में सेंटिनल द्वीप को भारत सरकार ने प्रतिबन्धित क्षेत्र घोषित किया था। जिसके बाद से इस द्वीप पर जाना गैरकानूनी हो गया।
लेकिन इसी साल अगस्त 2018 में भारत सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अंडमान और निकोबार के 29 द्वीपों पर रिस्ट्रिक्टेड परमिट एरिया के तहत जाने की इज़ाज़त दे थी। जिसके बाद कोई भी विदेशी नागरिक बगैर अनुमति के वहां जा सकता था।
रिस्ट्रिक्टेड परमिट एरिया एक प्रकार का आदेश कानून है जिसके तहत विदेशी नागरिको को भारत के प्रतिबंधित इलाकों वाले क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश पर मनाही होती है। विदेशी नागरिकों के प्रवेश से सम्बंधित ये आदेश कानून अभी भी भारत के कुछ हिस्सों में लागू है , जिनमे मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, जम्मू कश्मीर और हिमांचल प्रदेश जैसे कई और अन्य इलाके भी शामिल हैं।
सेंटिनल द्वीप 59.67 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसकी प्राकृतिक सुंदरता काफी खूबसूरत है। 2011 की जनगड़ना के मुताबिक यहां सिर्फ 10-15 घर होने की पुष्टि की गयी और यहां रहने वालों की कुल अनुमानित संख्या 50 से 150 के बीच बताई गयी।
सेंटिनल द्वीप पर रहने वाली जनजाति जंगली, फल, शहद, नारियल और जंगली जानवरों के शिकार पर निर्भर होते हैं .बाहरी दुनिया से कोई संपर्क न होने के कारण इनकी भाषा भी अन्य जनजातियों से काफी कठिन है ।
दरअसल इस द्वीप पर प्रतिबन्ध लगाने की वजह यहां रहने वाली जनजातियों का संरक्षण और इनका कमजोर इम्यून सिस्टम है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के नाते इन द्वीपों पर जब भी कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश करता है तो उसके अंदर के वायरस इन जनजातियों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। जिससे इनके मौत होने तक की संभावना रहती है।
भारत में आदिवासियों का लम्बा इतिहास रहा है मौजूदा वक़्त में भारत की कुल जनसँख्या में से 8.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी आदिवासी जनजातियों की है जिनकी कुल संख्या लगभग 10.43 करोड़ है। 
संविधान के द्वारा भारत में रहने वाली सभी जनजातियों को अनुच्छेद 46 के तहत अधिकार दिए गए हैं जिसमे सामाजिक न्याय शिक्षा और शोषण जैसे कई महत्त्वपूर्ण विषय शामिल हैं।
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment