राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में चार नए जजों की नियुक्ति को अपनी मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नियुक्ति आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद विधि मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की.
जिन जजों को सुप्रीम कोर्ट के नए जज के तौर पर नियुक्त किया गया है उनमें बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस बीआर गवईं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीज जस्टिस सूर्यकांत, झारखंड के जीफ जस्टिस अनुरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाईकोर्ट के जीफ जस्टिस एएस बोपन्ना शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या:
सुप्रीम कोर्ट में इन चार जजों की नियुक्ति के साथ ही अब जजों की कुल संख्या 31 हो गई है. चारों जज जल्द ही शपथ ले सकते हैं. बता दें कि साल 2010 के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तय जजों की संख्या रहेगी.
सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देकर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की सिफारिश पर कॉलेजियम को फिर से विचार करने को कहा था. इसके बाद कॉलेजियम ने 12 अप्रैल को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी.
दिल्ली, मेघालय को नये मुख्य न्यायाधीश मिले:
न्यायमूर्ति धीरूभाई एन पटेल और अजय कुमार मित्तल को क्रमश: दिल्ली और मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. न्यायमूर्ति पटेल 07 जून 2019 से दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे. वहीं, न्यायमूर्ति मित्तल 28 मई 2019 को मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे.
वे फिलहाल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पदस्थ हैं. कानून मंत्रालय के अनुसार, तलवंत सिंह, रजनीश भटनागर, आशा मेनन और बृजेश सेठी को दिल्ली हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
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इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने बीते 9 मई 2019 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को पदोन्नत कर शीर्ष न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
अखिल भारतीय उच्च न्यायालय न्यायाधीशों की संयुक्त वरिष्ठता सूची में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस 12वें स्थान पर हैं, जबकि न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना 36वें स्थान पर है.
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