विश्व तंबाकू निषेध दिवस: 31 मई
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई 2019 को विश्व भर में मनाया गया. इस दिवस पर तंबाकू उत्पादों का अवैध व्यापार स्वास्थ्य, कानूनी और आर्थिक, शासन और भ्रष्टाचार सहित प्रमुख वैश्विक चिंता का विषय है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सभी देशों से तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने की अपील की है ताकि नये लोगों को तंबाकू सेवन का आदी होने से बचाया जा सके.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2019 का थीम:
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प्रत्येक साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस एक थीम के अनुसार मनाया जाता है. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस- 2019 का थीम "तंबाकू और फेफड़ों का स्वास्थ" है. इस दिन लोगों के फेफड़ों पर तंबाकू के नकारात्मक प्रभाव के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं.
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क्यों मनाया जाता विश्व तंबाकू निषेध दिवस है?
पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू मुक्त और स्वस्थ बनाने हेतु तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिये तंबाकू चबाने या धुम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों से बचाने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने साल 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाये जाने की घोषणा की थी.
डब्ल्यूएचओ ने तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मृत्युदर में वृद्धि को देखते हुए इसे एक महामारी माना। इसके बाद पहली बार 07 अप्रैल 1988 को डब्ल्यूएचओ की वर्षगांठ पर मनाया गया और जिसके बाद प्रत्येक साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
तंबाकू से बढ़ता है कैंसर का खतरा:
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तंबाकू से करीब 25 तरह की शारीरिक बीमारियां और करीब 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं. इनमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि का कैंसर, पेट का कैंसर और ब्रेन ट्यूमर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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डब्ल्यूएचओ के अनुसार:
डब्ल्यूएचओ की घोषणा के आधार पर इस समय समूचे विश्व में प्रत्येक साल 50 लाख से अधिक व्यक्ति धूम्रपान के सेवन के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं. अगर इस समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में कोई प्रभावी क़दम नहीं उठाया गया तो साल 2030 में धूम्रपान के सेवन से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रतिवर्ष 80 लाख से अधिक हो जायेगी.
तंबाकू के सेवन से प्रत्येक साल 10 में कम से कम एक व्यक्ति की मौत जरुर हो जाती है जबकि पूरे विश्व भर में 1.3 बिलियन लोग तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. साल 2020 तक 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तंबाकू के इस्तेमाल को घटाने के द्वारा हम लगभग 100 मिलीयन लोगों की असामयिक मृत्यु को नियंत्रित कर सकते हैं. डब्ल्यूएचओ आकड़ों के अनुसार, प्रत्येक साल छह मिलियन लोग तंबाकू के सेवन के कारण मर जाते हैं.
तंबाकू के प्रभाव से होने वाले दुष्परिणाम:
तंबाकू में अत्यधिक नशे की आदत वाला निकोटीन नामक पदार्थ होता है. निकोटीन आपको कुछ समय के लिए अच्छा महसूस कराता हैं, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग, आपके हृदय, फेफड़े और पेट के साथ-साथ आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता हैं. इसका लंबे समय तक प्रयोग करने से खाँसी और गले में परेशानी होना, धब्बेदार त्वचा, दांतों का रंग ख़राब (दांतों का पीलापन) होना आदि है.
एक अवधि के बाद, व्यक्ति का शरीर, शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर निकोटीन का आदी हो जाता है तथा अंत में व्यक्ति गंभीर स्वास्थ्यगत समस्याओं से पीड़ित हो जाता है. तंबाकू में हजारों तरह के रासायनिक तत्व या केमिकल्स होते हैं, जिसमें से कई तत्व कैंसर बनने का कारण बनते हैं. तंबाकू का सेवन सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.
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