ब्रिटेन दुनिया में जलवायु आपातकाल घोषित करने वाला पहले देश बन गया है। इसी क्रम में बुधवार को ब्रिटिश संसद में लेबर पार्टी ने वास्तविक कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने ट्वीट किया,‘लेबर पार्टी के दबाव के कारण ब्रिटेन पर्यावरण और जलवायु को लेकर आपात स्थित घोषित करने वाला पहला देश बन गया है।’ लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बीन ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वास्तव में काम करने का वक्त आ गया है।’ उन्होंने आशा जताई की ब्रिटेन के इस कदम के बाद दुनिया भर में संसद और सरकारें इस दिशा में गंभीरता से काम करेंगी।
जनता कैसे सहयोग कर सकती है
यात्रा
-कार की बजाय ज्यादातर जगह पैदल, साइकिल या सरकारी यातायात से यात्रा करें
-कार को इलेक्ट्रॉनिक वाहनों से बदलें, इन्हें चार्ज कर चलाएं और ईंधन की खपत कम करें
-कार क्लब बनाकर कर सीमित कारों को अधिक से अधिक लोग इस्तेमाल करें
-हवाई सफर को भी नियंत्रित किया जा सकता है इससे उत्सर्जन कम होगा
घर में सावधानी
-घरों में एलईडी बल्ब का इस्तेमाल अधिक करने से जलवायु को कम खतरा होता है
-उच्च कार्यक्षमता वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करें जो बिजली कम खाते हों
-थर्मोसेट को 19 डिग्री से ऊपर न रखें और पानी का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस रखें
-घरों में एलईडी बल्ब का इस्तेमाल अधिक करने से जलवायु को कम खतरा होता है
-उच्च कार्यक्षमता वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करें जो बिजली कम खाते हों
-थर्मोसेट को 19 डिग्री से ऊपर न रखें और पानी का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस रखें
कितने जिम्मेदार हैं हम
खानपान के जरिए
-मांसाहार की बजाय पौष्टिक आहार के सेवन से जलवायु को कम नुकसान होगा
-हरी सब्जियां अधिक खाएं और ऐसे खाद्य को तरजीह दें जिससे वेस्ट कम से कम हो
-मांसाहार की बजाय पौष्टिक आहार के सेवन से जलवायु को कम नुकसान होगा
-हरी सब्जियां अधिक खाएं और ऐसे खाद्य को तरजीह दें जिससे वेस्ट कम से कम हो
जागरुकता बढ़ानी होगी
-अधिक से अधिक लोगों को जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में जागरूक करें
-जागरुकता अभियान के तहत चर्चाएं आयोजित करें और लोगों की भागीदारी बढ़ाएं
-दफ्तरों और स्कूलों में इस विषय पर नियमित परिचर्चाओं का आयोजन होना चाहिए
-अधिक से अधिक लोगों को जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में जागरूक करें
-जागरुकता अभियान के तहत चर्चाएं आयोजित करें और लोगों की भागीदारी बढ़ाएं
-दफ्तरों और स्कूलों में इस विषय पर नियमित परिचर्चाओं का आयोजन होना चाहिए
सरकार क्या कर सकती है
-सरकार को कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की नीतियां तय करनी होंगी और लक्ष्य को 2050 तक हासिल करने के प्रयास करने होंगे
-सरकार को ऐसी व्यवस्था लानी होगी कि 2035 तक आने वाली हर नई कार या वाहन इलेक्ट्रिक हो
-इन वाहनों को चार्ज करने के लिए बुनियादी ढाचे का निर्माण करना होगा ताकि बड़ी संख्या में वाहनों को चार्ज किया जा सके
-कृषि आधारित नीतियों को मजबूत करना होगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहन मिले
-वन्य क्षेत्र में इजाफा करना होगा, 2050 तक जंगल को 13 फीसदी से 17 फीसदी तक बढ़ाना होगा
-सरकार को कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की नीतियां तय करनी होंगी और लक्ष्य को 2050 तक हासिल करने के प्रयास करने होंगे
-सरकार को ऐसी व्यवस्था लानी होगी कि 2035 तक आने वाली हर नई कार या वाहन इलेक्ट्रिक हो
-इन वाहनों को चार्ज करने के लिए बुनियादी ढाचे का निर्माण करना होगा ताकि बड़ी संख्या में वाहनों को चार्ज किया जा सके
-कृषि आधारित नीतियों को मजबूत करना होगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहन मिले
-वन्य क्षेत्र में इजाफा करना होगा, 2050 तक जंगल को 13 फीसदी से 17 फीसदी तक बढ़ाना होगा
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