भारत की कूटनीतिक जीत, संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने 01 मई 2019 को आतंकवादी मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. भारत लंबे समय से मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति द्वारा उसे 'ब्लैक लिस्ट में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह कदम उठाया गया. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अज़हर को आतंकी घोषित किए जाने के बाद अब उसकी संपत्ति जब्त हो सकेगी और उस पर यात्रा प्रतिबंध तथा हथियार संबंधी प्रतिबंध लग सकेगा.


संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि इस फैसले में छोटे, बड़े सभी साथ आए और मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया. गौरतलब है कि मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पिछले 10 साल में चार बार कोशिश की गई थी.
भारत द्वारा किये गये प्रयास
भारत सरकार द्वारा सबसे पहले वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा गया था. इसके बाद वर्ष 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा. इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में भी वीटो लगा दिया था.

मसूद अज़हर के बारे में
  • मसूद अज़हर का जन्म 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. वह आरंभिक शिक्षा हासिल करने कराची में एक मदरसे में जाता था.
  • वह जल्द ही चरमपंथी संगठनों के संपर्क में आ गया तथा उनके साथ गतिविधियों में शामिल होने लगा.
  • उसे पहली बार उसे श्रीनगर से 1994 में आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार के लिए संदिग्ध गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया.
  • हालांकि वर्ष 1999 में उसे कंधार विमान अपरहण घटना के बाद छोड़ना पड़ा था.
  • उसने मार्च 2000 में जैश ए मुहम्मद आतंकी संगठन की स्थापना की जिसका उद्देश्य भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था.
  • वर्ष 2001 में इसी आतंकी संगठन ने भारत की संसद पर हमला किया था. इसके उपरांत वर्ष 2008 में मुंबई में आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया.
  • वर्ष 2016 के पठानकोट हमले तथा 2019 में हुए पुलवामा हमले में भी मसूद अज़हर के आतंकी संगठन का ही हाथ बताया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध समिति क्या है?

  • संयुक्त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति में किसी आतंकी संगठन या आतंकी के सूचीबद्ध किए जाने के लिए स्पष्ट नियम तय किये गये हैं.
  • यह समिति संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रतिबंधों के मानकों की देखरेख करती है. इसी समिति द्वारा आईएसआईएस तथा अल-कायदा को भी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया था.
  • यह समिति सुरक्षा परिषद को प्रतिबंधों के मानकों की वार्षिक रिपोर्ट भी भेजती है.
  • हथियारों के आयात, विदेश में यात्राएं और संपत्तियों की जब्‍ती जैसे फैसले भी यही समिति लेती है.
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Milan Tomic

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