नेपाल में सफाई अभियान के तहत माउंट एवरेस्ट से करीब 3,000 किलोग्राम ठोस कचरा हटाया गया है. इस अभियान का उद्देश्य विश्व की सबसे ऊंची चोटी से कचरे को को हटाना है जो कूड़ेदान में बदलती जा रही है.
नेपाल सरकार द्वारा 45 दिन के इस अभियान की शुरुआत 14 अप्रैल को नेपाली नववर्ष के दिन हुई. इसका मुख्य लक्ष्य माउंट एवरेस्ट से करीब 10,000 किलोग्राम कचरा हटाना है.
नेपाल सरकार के अनुसार, 3,000 किलोग्राम कचरे में से 2,000 किलोग्राम कचरा निस्तारण के लिए ओखलधुंगा भेजा गया है, जबकि शेष 1,000 किलोग्राम कचरा सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिये काडमांडू लाया गया.
सारा कूड़ा काठमांडू लाकर विश्व पर्यावरण दिवस यानी 5 जून के दिन लोगों को दिखाया जाएगा और फिर इसका निस्तारण किया जाएगा. इस अभियान के तहत 5 हजार किलो कूड़ा बेस कैंप एरिया से एकत्र होना है, जबकि 2 हजार किलो दक्षिणी क्षेत्र और 3 हजार किलो कैंप2, कैंप3 एरिया से इकट्ठा किया जाना है.
इस अभियान में सहयोग:
इस अभियान में नागरिक उड्डयन, पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय, नेपाल की सेना, पर्यावरण मंत्रालय, नेपाल पर्वतारोहण एसोसिएशन, सागरमाथा प्रदूषण नियंत्रण समिति और नेपाल पर्यटन बोर्ड का सहयोग लिया जा रहा है.
एवरेस्ट पर waste:
एवरेस्ट में जो कूड़ा एकत्र किया गया है, उसमें प्लास्टिक, बीयर की बोतलों, कास्मेटिक के कवर जैसी चीजें शामिल हैं. एवरेस्ट में जो कूड़ा मिला है, उसे या तो पर्वतारोही वहां पहुंचा रहे हैं, या फिर ऊंचे क्षेत्रों में काम करने वाले कुली. समय-समय पर शेरपा भी एवरेस्ट का भ्रमण करते हैं, उनसे भी कूड़ा वहां पहुंच रहा है.
पृष्ठभूमि:
सरकार ने एवरेस्ट को साफ रखने के लिए पहले भी प्रयास किए हैं. साल 2014 में कानून बनाया गया था कि जो भी पर्वतारोही एवरेस्ट पर जाएगा, वह नीचे आते समय कम से कम 8 किलो सॉलिड वेस्ट अपने साथ लेकर आएगा. सरकार की कोशिश थी कि एक पवर्तरोही जितना कूड़ा पहाड़ पर फैलाए, कम से कम उतना तो वह नीचे लेकर आ जाए.
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