1.ऐतिहासिक दृष्टि पर आधारित पहला भारतीय ग्रन्थ कौन-सा है?
- कल्हणकृत ‘राजतरंगिणी
2. भारतीय समाज मुख्य रूप से कितने भागों में विभाजित था?
- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र
3.स्त्रोतों के रूप में धार्मिक साहित्य को कितने उपवर्गों में विभाजित किया गया है?
- हिन्दू धर्म से सम्बद्ध साहित्य, बौद्ध साहित्य व जैन साहित्य
4.सबसे प्राचीन वेद कौन-सा है?
- ऋग्वेद
5.पुराणों की संख्या कितनी बताई गई है?
- 18
6.ऋग्वेद के पश्चात् किन ग्रन्थों की रचना हुई?
- सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद्
7.पुराणों से कौन-से प्राचीन भारतीय राजवंशों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है?
- शिशु, नन्द, मौर्य, शुंग, कण्व,सातवाहन व गुप्त काल आदि
8.पुराणों से कौन-से विदेशियों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है ?
- शक, यवन, हूण आदि
9.बौद्धों के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ पिटक कौन-कौन से हैं?
- सुत्तपिटक, विनयपिटक, अभिधम्मपिटक
10.पिटकों की रचना कहाँ व किस भाषा में हुई?
- श्रीलंका में, पालि भाषा में
11.दक्षिणी बौद्धमत के ग्रन्थ कौन-कौन से हैं?
- – महावंश व दीपवंश
12.बुद्धचरित की रचना किस रचनाकार द्वारा किसके शासनकाल में हुई?
- कनिष्क के शासनकाल में अश्वघोष द्वारा बौद्धों के प्रसिद्ध ग्रंथ जातकों की संख्या कितनी है?
13.जैन धर्म के सूत्र ग्रन्थ कौन-कौन से हैं?
- कल्प सूत्र, भगवती सूत्र, आचारांग सूत्र आदि
14.जैन ग्रन्थों में ऐतिहासिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रन्थ कौन-सा है?
- हेमचन्द्र रचित ‘परिशिष्ट पर्व |
15.ऐतिहासिक महत्व के प्रथम ग्रंथ की रचना कौन-सी है?
- ‘हर्षचरित’ रचना
16.प्राचीन भारत के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला ग्रन्थ कौन-सा है?
- चंदबरदाई द्वारा रचित ‘पृथ्वीराज रासो’
17.ऐतिहासिक ग्रन्थों में महत्वपूर्ण ‘राजतरंगिणी’ की रचना किसने की?
- 12वीं शताब्दी में कश्मीर के प्रसिद्ध विद्वान कल्हण ने
18.सौराष्ट्र क्षेत्र (गुजरात) में रचित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रन्थ कौन-कौन से हैं?
- रसमला, कीर्तिकौमुदी, प्रबंध चिंतामणि ( मेरूतुंग ), प्रबंध कोष ( राजशेखर ) आदि ।
19.संस्कृत के प्रथम नाटककार भास की रचनाओं ‘स्वप्नवासवदत्ता’ व ‘प्रतिज्ञायौगन्धरायण’ से किसकी जानकारी प्राप्त होती है?
- वत्सराज उदयन व उनकी समकालीन परिस्थितियों की
20.मौर्यकाल की आरम्भ अवस्था के सम्बन्ध में कौन-सी रचना जानकारी प्रदान करती है?
- विशाखदत्त द्वारा रचित मुद्राराक्षस |
21.कालिदास ने ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ में किसकी जानकारी दी है?
- गुप्तकालीन परिस्थितियों की
22.मौर्य के उत्तराधिकारी शृंगों के बारे में कौन-सा नाटक जानकारी देता है?
- कालिदास द्वारा रचित ‘मालविकाग्निमित्रम्
23.मौर्यों की प्रशासनिक व्यवस्था के संबंध में कौन-सा ग्रन्थ महत्वपूर्ण जानकारी देता है?
- कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र ।
24.अभिलेखों की दृष्टि से किस शासक का काल सर्वाधिक महत्वपूर्ण है?
- मौर्य सम्राट अशोक का काल
25.भारतीय इतिहास के निर्माण में किन अभिलेखों से सहायता मिलती है?
- अशोक के अभिलेख, कलिंगराज खारवेल का हाथी गुम्फा अभिलेख, समुद्रगुप्त का प्रयाग प्रशस्ति अभिलेख, चन्द्रगुप्त द्वितीय की महरौली स्तम्भ लेख, स्कंदगुप्त का भीतरी स्तम्भ लेख आदि
26.सातवाहन, शकों व कुषाणों के सम्बन्ध में मुख्य रूप से किस पर निर्भर रहना पड़ता है?
- सिक्कों पर
27.गुप्तकाल के अधिकांश सिक्कों पर विष्णु एवम् गरुड़ के चित्र अंकित होने से क्या प्रतीत होता है?
- गुप्त शासक विष्णु उपासक थे।
28.विदेशों में प्राप्त कौन से स्मारक भारत के प्राचीन इतिहास को समझने में सहायक हुए हैं?
- जावा में स्थित बोरोबुदर मंदिर व प्रबंनम मंदिर, कम्बोडिया में अंकोखाट मन्दिर, बोर्नियों में ( मुकरकमन) में मिली विष्णु की प्रसिद्ध स्वर्ण मूर्ति, मलाया में शिव, पार्वती, गणेश की मूर्तियाँ।
29.प्राचीन भारत के इतिहास को व्यवस्थित रूप प्रदान करने में किन-किन विदेशी विवरणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है?
- यूनानी विवरण, चीनी विवरण, तिब्बती विवरण।
30.कौन-से यूनानी विवरण भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में विशेष तौर पर महत्वपूर्ण हैं?
- हेरोडोट्स, नियार्कस, मेगस्थनीज, डायमेकस, कार्टियस, एरियन, प्लूटार्क, स्ट्रेबो आदि के विवरण प्रमुख हैं।
31.मेगस्थनीज की किस रचना से चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्य के बारे में जानकारी मिलती हैं।
- इण्डिका ।
32.चीनी यात्री फाह्यान किस शासक के समय भारत आया था?
- चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय
33.मुख्य तिब्बती विवरण कौन-कौन से हैं?
- कंग्युर व तंग्युर
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