रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स’ की सालाना रिपोर्ट में भारत प्रेस की आजादी के मामले में दो पायदान खिसक गया है. 180 देशों में भारत का स्थान 140वां है. दक्षिण एशिया में प्रेस की आजादी के मामले में पाकिस्तान तीन पायदान लुढ़कर 142 वें स्थान पर है जबकि बांग्लादेश चार पायदान लुढ़कर 150वें स्थान पर है. नॉर्वे लगातार तीसरे साल पहले पायदान पर है, जबकि फिनलैंड दूसरे स्थान पर है.
गुरुवार को जारी रिपोर्ट में भारत में चल रहे चुनाव प्रचार के दौर को पत्रकारों के लिए खासतौर पर खतरनाक वक्त के तौर पर चिन्हित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रेस स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति में से एक पत्रकारों के खिलाफ हिंसा है. इसमें पुलिस की हिंसा, माओवादियों के हमले, अपराधी समूहों या राजनीतिज्ञों का प्रतिशोध शामिल है. इस अध्ययन के अनुसार, 2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की जान गई है. रिपोर्ट में भारत में हिंदुत्व वाले विषयों पर बोलने या लिखने वाले पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर घृणित अभियानों पर भी चिंता जताई गई है.
पेरिस स्थित ‘रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स’ (आरएसएफ) या ‘रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स’ एक गैर लाभकारी संगठन है, जो दुनिया भर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण करता है. 2019 के सूचकांक में संगठन ने पाया कि पत्रकारों के खिलाफ घृणा हिंसा में बदल गई है और इससे पूरी दुनिया भर के पत्रकारों में डर बढ़ा है.
गुरुवार को जारी रिपोर्ट में भारत में चल रहे चुनाव प्रचार के दौर को पत्रकारों के लिए खासतौर पर खतरनाक वक्त के तौर पर चिन्हित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रेस स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति में से एक पत्रकारों के खिलाफ हिंसा है. इसमें पुलिस की हिंसा, माओवादियों के हमले, अपराधी समूहों या राजनीतिज्ञों का प्रतिशोध शामिल है. इस अध्ययन के अनुसार, 2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की जान गई है. रिपोर्ट में भारत में हिंदुत्व वाले विषयों पर बोलने या लिखने वाले पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर घृणित अभियानों पर भी चिंता जताई गई है.
पेरिस स्थित ‘रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स’ (आरएसएफ) या ‘रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स’ एक गैर लाभकारी संगठन है, जो दुनिया भर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण करता है. 2019 के सूचकांक में संगठन ने पाया कि पत्रकारों के खिलाफ घृणा हिंसा में बदल गई है और इससे पूरी दुनिया भर के पत्रकारों में डर बढ़ा है.
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